इटली में कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है।कोरोना वायरस से दुनिया में सबसे ज्यादा मौत इटली में हुई है।यहां अब तक 4825 लोगों की जान इस संक्रमण की वजह से जा चुकी है।वहीं, करीब 3 हफ्ते से यह खतरनाक वायरस मौत बनकर घूम रहा है और दिन-ब-दिन इटली में होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी पकड़ रहा है। ऐसे में सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुई यह बीमारी आखिर इटली में इतनी भारी तबाही क्यों मचा रही है।आइए, जानते हैं इसके 6 कारण-
इटली में बुजुर्ग आबादी का होना
इटली की आबादी करीब 6 करोड़ है।बुजुर्गों की आबादी में इटली नंबर दो पर हैं।कोरोना वायरस का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा हो रहा है और द न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक इटली में 65 या ज्यादा साल के लोगों की संख्या करीब एक चौथाई है। देश में अब तक कोरोना की वजह से गईं ज्यादातर जानें 80-100 के बीच की उम्र के लोगों की रहीं। बड़ी उम्र के लोगों में अमूमन पहले से कोई न कोई मेडिकल कंडीशन होती है। ऐसे में उनका वायरस की चपेट में आना आसान होता लेकिन उससे लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।
इटली की आबादी करीब 6 करोड़ है।बुजुर्गों की आबादी में इटली नंबर दो पर हैं।कोरोना वायरस का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा हो रहा है और द न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक इटली में 65 या ज्यादा साल के लोगों की संख्या करीब एक चौथाई है। देश में अब तक कोरोना की वजह से गईं ज्यादातर जानें 80-100 के बीच की उम्र के लोगों की रहीं। बड़ी उम्र के लोगों में अमूमन पहले से कोई न कोई मेडिकल कंडीशन होती है। ऐसे में उनका वायरस की चपेट में आना आसान होता लेकिन उससे लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।
कोरोना टेस्ट नहीं कराना
इटली में मौत का दूसरा कारण है कि बीमारी की चपेट में आए लोग या कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर भी यहां लोग टेस्ट नहीं करा रहे, जिससे कोरोना तेजी से फैल रहा है।इनमें से कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कोरोना का इन्फेक्शन होता है लेकिन बिना टेस्ट उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जा सकता। इसकी वजह से दूसरी जगहों की तुलना में पॉजिटिव पाए गए केस कम रहते हैं, जबकि मौतों की संख्या बढ़ती रहती है और आखिर में मृत्यु दर बढ़ी हुई नजर आती है।
इटली में मौत का दूसरा कारण है कि बीमारी की चपेट में आए लोग या कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर भी यहां लोग टेस्ट नहीं करा रहे, जिससे कोरोना तेजी से फैल रहा है।इनमें से कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें कोरोना का इन्फेक्शन होता है लेकिन बिना टेस्ट उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जा सकता। इसकी वजह से दूसरी जगहों की तुलना में पॉजिटिव पाए गए केस कम रहते हैं, जबकि मौतों की संख्या बढ़ती रहती है और आखिर में मृत्यु दर बढ़ी हुई नजर आती है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन
इटली की असल मृत्यु दर 3.4% होनी चाहिए। लोगों के टेस्ट नहीं कराने के कारण यह बढ़ी हुई दिखती है। इससे एक और बड़ा नुकसान यह भी है कि अभी तक यह सटीक तरह से पता नहीं है कि असल में कितने लोग वायरस से इन्फेक्टेड हैं। इस तरह कम्यूनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ जाता है।ज्यादातर लोग बिना टेस्ट के यह नहीं जान पाते कि वो कोरोना वायरस की चपेट में हैं।
खस्ताहाल मेडिकल सर्विस
स्वास्थय सेवाओं की बात करें, तो इटली की मेडिकल सेवाओं को खस्ताहाल कहा जा सकता है।एक साथ इतने केस आ जाने से सभी अस्पतालों की हालत खस्ता हो गई है और बेड कम पड़ते जा रहे हैं। कोरोना के मरीजों का फील्ड अस्पतालों में इलाज चल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के पास अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सामान नहीं है जिससे वे खुद भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं।
स्वास्थय सेवाओं की बात करें, तो इटली की मेडिकल सेवाओं को खस्ताहाल कहा जा सकता है।एक साथ इतने केस आ जाने से सभी अस्पतालों की हालत खस्ता हो गई है और बेड कम पड़ते जा रहे हैं। कोरोना के मरीजों का फील्ड अस्पतालों में इलाज चल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के पास अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सामान नहीं है जिससे वे खुद भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं।
देर से हुआ लॉकडाउन
सरकार और प्रशासन ने शहरों को पूरी तरह से शटडाउन कर रखा है और सिर्फ जरूरी काम के लिए लोगों को बाहर आने की इजाजत है। पुलिस किसी को भी सड़क पर टहलने की इजाजत नहीं दे रही है। हालांकि, खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर और नाजुक आर्थिक हालात के चलते लोग इन नियमों का उल्लंघन करने को मजबूर हैं। वहीं, माना जा रहा है कि यह लॉकडाउन उस वक्त किया गया जब मामला हाथ से निकल चुका था।
सरकार और प्रशासन ने शहरों को पूरी तरह से शटडाउन कर रखा है और सिर्फ जरूरी काम के लिए लोगों को बाहर आने की इजाजत है। पुलिस किसी को भी सड़क पर टहलने की इजाजत नहीं दे रही है। हालांकि, खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर और नाजुक आर्थिक हालात के चलते लोग इन नियमों का उल्लंघन करने को मजबूर हैं। वहीं, माना जा रहा है कि यह लॉकडाउन उस वक्त किया गया जब मामला हाथ से निकल चुका था।
सेल्फ आइसोलेशन (quarantine) की कम जानकारी
इटली को हमेशा से फन लविंग कंट्री के रूप में जाना जाता है।स्ट्रीट फूड,आर्ट, कल्चर, फैशन के लिए इटली को दुनिया भर में पसंद किया जाता है।ऐसे में जब यहां सेल्फ आइसोलेशन के लिए लोगों को छुट्टी दी गई, तो उन्होंने बाहर घूमकर अपना वक्त बिताया जिससे एक दूसरे के संपर्क में आने की वजह से लोगों में यह बीमारी फैलती चली गई।लोगों को व्यापक स्तर पर सेल्फ आइसोलेशन की जानकारी नहीं दी गई।
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